Indian tourism– तुर्की से भारतीयों का मोहभंग हो चुका है, और इसका फायदा ग्रीस और आर्मेनिया जैसे देश उठा रहे हैं। #BoycottTurkey का नारा सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक गूंज रहा है, और देसी ट्रैवलर्स अब तुर्की की जगह ग्रीस के नीले समुद्र और आर्मेनिया के ऐतिहासिक चर्चों की ओर रुख कर रहे हैं। तुर्की के पाकिस्तान समर्थन ने भारतीयों को इतना चिढ़ाया कि 2025 में टूरिज्म का नक्शा ही बदल गया। आखिर ये शिफ्ट हुआ कैसे, और ग्रीस व आर्मेनिया भारतीयों को लुभाने के लिए क्या कर रहे हैं? चलो, इसकी पूरी कहानी हिंदी में देसी अंदाज में जानते हैं!
तुर्की से क्यों हुआ गुस्सा?
बात शुरू हुई अप्रैल 2025 के पहलगाम हमले से, जिसमें 26 लोगों की जान गई। भारत ने इसके जवाब में ऑपरेशन सिंदूर चलाया, जिसमें पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। लेकिन तुर्की ने पाकिस्तान का साथ दिया—ड्रोन, सैन्य सलाहकार, और यहाँ तक कि कराची में युद्धपोत भेजकर। भारतीयों को ये बात बुरी तरह चुभी, खासकर जब 2023 के भूकंप में भारत ने ऑपरेशन दोस्त के तहत तुर्की की मदद की थी। एक ट्वीट में उद्योगपति हर्ष गोयनका ने लिखा, “हमने उनकी मदद की, और वो हमारे दुश्मन का साथ दे रहे हैं? अब ग्रीस और आर्मेनिया जाएँ!”
इस गुस्से ने #BoycottTurkey कैंपेन को जन्म दिया। ट्रैवल प्लेटफॉर्म्स जैसे EaseMyTrip, MakeMyTrip, और Ixigo ने तुर्की की बुकिंग्स 60% तक गिरने और कैंसिलेशन 250% बढ़ने की बात कही। 2024 में 3.3 लाख भारतीयों ने तुर्की में $291.6 मिलियन खर्च किए थे, लेकिन अब ये आँकड़ा तेजी से सिकुड़ रहा है। भारतीय अब तुर्की की जगह नई मंजिलें तलाश रहे हैं, और ग्रीस व आर्मेनिया ने इस मौके को लपक लिया।
ग्रीस: नीला समुद्र, देसी स्वागत
ग्रीस वो जादुई जगह है जहाँ सेंटोरिनी के सफेद घर और नीले समुद्र हर ट्रैवलर का दिल चुराते हैं। लेकिन अब ग्रीस सिर्फ इंस्टाग्राम की फोटोज के लिए नहीं, बल्कि भारत के टूरिज्म मार्केट के लिए भी बड़ा दांव खेल रहा है। ग्रीस ने हाल ही में भारतीयों के लिए वीजा प्रोसेस को आसान किया, जिसमें 48 घंटे में एक्सप्रेस वीजा और मल्टीपल-एंट्री ऑप्शंस शामिल हैं। ग्रीक टूरिज्म मिनिस्ट्री ने मुंबई और दिल्ली में “Visit Greece” कैंपेन लॉन्च किया, जिसमें बॉलीवुड स्टार्स और ट्रैवल इन्फ्लुएंसर्स को ब्रांड एंबेसडर बनाया गया।
ग्रीस का देसी कनेक्शन भी मजबूत है। भारतीय खाने की डिमांड को देखते हुए सेंटोरिनी और एथेंस के रेस्तरां अब “देसी थाली” और “मसाला चाय” ऑफर कर रहे हैं। दिल्ली की ट्रैवल एजेंट शालिनी मेहरा ने ANI को बताया, “ग्रीस में भारतीयों के लिए वेज और जैन फूड आसानी से मिल रहा है। यहाँ तक कि होटल्स में हिंदी बोलने वाले स्टाफ भी हैं।” ग्रीस ने 2025 में 2 लाख भारतीय टूरिस्ट्स का टारगेट रखा है, और जनवरी से अप्रैल तक 70,000 भारतीय वहाँ जा चुके हैं—पिछले साल से 40% ज्यादा।
ग्रीस की सरकार ने तुर्की के बॉयकॉट को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ग्रीक टूरिज्म बोर्ड ने #BoycottTurkey ट्रेंड को देखते हुए सोशल मीडिया पर “Choose Greece” कैंपेन चलाया, जिसमें भारतीयों को सस्ते पैकेज और डिस्काउंट ऑफर किए गए। एक X यूजर ने लिखा, “तुर्की के बाजारों से बेहतर है ग्रीस के द्वीप। सस्ता भी, और दोस्ताना भी!” ग्रीस का भारत के साथ डिप्लोमैटिक सपोर्ट, खासकर तुर्की के खिलाफ, ने भी भारतीयों को आकर्षित किया।
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आर्मेनिया: इतिहास और संस्कृति का नया ठिकाना
आर्मेनिया, जो पहले भारतीयों के रडार पर कम था, अब तेजी से पॉपुलर हो रहा है। ये छोटा सा देश अपनी प्राचीन मॉनेस्ट्रीज, खूबसूरत पहाड़ों, और गर्मजोशी से भारतीयों का स्वागत कर रहा है। आर्मेनिया ने तुर्की और अजरबैजान के खिलाफ भारत के स्टैंड का समर्थन किया, जिससे भारतीयों में इसका क्रेज बढ़ा। येरेवान, आर्मेनिया की राजधानी, अब “देसी टूरिस्ट्स का नया प्यार” बन रही है।
आर्मेनिया ने भारतीयों के लिए वीजा-ऑन-अराइवल शुरू किया और दिल्ली-येरेवान डायरेक्ट फ्लाइट्स की संख्या बढ़ाई। ट्रैवल कंपनी Go Homestays ने तुर्की के साथ पार्टनरशिप खत्म कर आर्मेनिया के साथ टाई-अप किया। येरेवान के होटल्स में अब भारतीय मेहमानों के लिए हिंदी मेन्यू और बॉलीवुड मूवी नाइट्स का इंतजाम है। ट्रैवल इन्फ्लुएंसर रिया शर्मा ने अपने ब्लॉग में लिखा, “आर्मेनिया में 3,000 साल पुराने चर्च और लाजवाब खाना। ये तुर्की से कहीं बेहतर है!”
आर्मेनिया का टूरिज्म बोर्ड भारतीय मार्केट को टारगेट कर रहा है। 2024 में सिर्फ 15,000 भारतीय आर्मेनिया गए थे, लेकिन 2025 के पहले चार महीनों में ये संख्या 25,000 तक पहुँच गई। आर्मेनिया ने “Discover Armenia” कैंपेन लॉन्च किया, जिसमें भारतीयों को सस्ते टूर पैकेज और ग्रुप डिस्काउंट्स ऑफर किए जा रहे हैं। खास बात ये कि आर्मेनिया का खाना—लवाश ब्रेड, खोरवात्स (BBQ), और वाइन—भारतीयों को खूब भा रहा है।
देसी ट्रैवलर्स का नया मूड
भारतीय ट्रैवर्स का मूड अब “नेशन फर्स्ट” वाला है। तुर्की के टूरिज्म सेक्टर, जो इसके GDP का 12% है, को भारतीयों की नाराजगी ने झटका दिया। 2024 में भारतीयों ने तुर्की और अजरबैजान में ₹4,000 करोड़ खर्च किए थे, लेकिन अब ये पैसा ग्रीस और आर्मेनिया जैसे देशों में जा रहा है। ट्रैवल एजेंट ज्योति मायल ने कहा, “भारतीय अब उन देशों को चुन रहे हैं जो भारत का सम्मान करते हैं। ग्रीस और आर्मेनिया ने ये मौका लपक लिया।”
बॉलीवुड भी इस ट्रेंड में शामिल है। कई प्रोड्यूसर्स ने तुर्की में शूटिंग रद्द कर ग्रीस और आर्मेनिया को चुना। एक्टर और बीजेपी मेंबर रूपाली गांगुली ने ट्वीट किया, “तुर्की छोड़ो, ग्रीस चलो! हमारे पैसे हमारे दोस्तों के पास जाएँ।” सोशल मीडिया पर #TravelToGreece और #DiscoverArmenia ट्रेंड कर रहे हैं।
भारत के लिए क्या मतलब?
ये शिफ्ट सिर्फ टूरिज्म का नहीं, डिप्लोमेसी का भी खेल है। ग्रीस और आर्मेनिया भारत के साथ रणनीतिक दोस्ती बढ़ा रहे हैं, खासकर तुर्की और उसके सहयोगियों के खिलाफ। भारत ने भी ग्रीस के साथ ट्रेड डील्स और आर्मेनिया के साथ डिफेंस कोऑपरेशन बढ़ाने की बात शुरू की है। लेकिन तुर्की का बॉयकॉट भारत के लिए भी चुनौती है। तुर्की के साथ $10.4 बिलियन का ट्रेड रिश्ता खतरे में है, और एविएशन सेक्टर में Celebi जैसी कंपनियों के बाहर होने से शॉर्ट-टर्म दिक्कतें हो सकती हैं।
आगे क्या?
ग्रीस और आर्मेनिया का क्रेज 2025 में और बढ़ेगा, इसमें कोई शक नहीं। दोनों देश भारतीयों के लिए और ऑफर्स ला रहे हैं—सस्ते पैकेज, आसान वीजा, और देसी टच। दूसरी ओर, तुर्की को अपनी गलती का अहसास शायद देर से होगा। उसकी इकनॉमी पहले से डगमगा रही है, और भारतीय टूरिस्ट्स का बहिष्कार उसे और कमजोर करेगा। भारतीय ट्रैवलर अब साफ कह रहा है—जो हमारा साथ देगा, हम उसी का साथ देंगे। ग्रीस और आर्मेनिया ने ये बात समझ ली, और देसी टूरिस्ट्स का दिल जीत लिया!
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