“BRICS शिखर सम्मेलन 2023: पीएम मोदी का युद्ध के बजाय संवाद का समर्थन”

‘हम युद्ध नहीं, डायलॉग और डिप्लोमेसी के समर्थक’: पीएम मोदी का BRICS से दुनिया को शांति का संदेश

रूस के कजान में आयोजित BRICS शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शांति का आह्वान किया। उनका कहना था कि भारत युद्ध के बजाय संवाद और कूटनीति (डायलॉग और डिप्लोमेसी) पर विश्वास करता है। PM मोदी का यह बयान भारत की स्थायी नीति और विश्व राजनीति में उनके विचार को दर्शाता है। इस लेख में हम प्रधानमंत्री मोदी ने BRICS शिखर सम्मेलन में दिए गए संदेश पर विस्तार से चर्चा करेंगे और भारत के बहुपक्षीय वैश्विक दृष्टिकोण पर विशेष ध्यान देंगे।

BRICS शिखर सम्मेलन, रूस के कजान में: प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत और योगदान

BRICS शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद देते हुए कहा, “आज की बैठक के शानदार आयोजन के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ। मैं खुश हूँ कि विस्तारित BRICS फैमिली के रूप में पहली बार मिल रहे हैं।यह दिखाता था कि भारत वैश्विक सहयोग और समावेशिता के माध्यम से एक नए विश्व क्रम का समर्थन कर रहा है।

BRICS का लक्ष्य एक ऐसा प्लेटफार्म बनाना है जो विवादों को दूर करे और सभी देशों के हितों को एकजुट करे। पीएम मोदी ने इसे एक जनहितकारी संगठन के रूप में प्रस्तुत किया, जिसका उद्देश्य जनहित है। उनके विचार ने दुनिया को बताया कि BRICS सभी देशों के लिए है, न कि किसी एक देश या क्षेत्र के लिए।

युद्ध नहीं, डायलॉग और डिप्लोमेसी

BRICS मंच पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा शांति, संवाद और कूटनीति का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, “हम युद्ध नहीं, डायलॉग और डिप्लोमेसी के समर्थक हैं।” यह भारत की पुरानी नीति को दर्शाता है, जहां समस्याओं को हल करने के लिए युद्ध और ताकत के बजाय बातचीत और कूटनीतिक उपायों का चुनाव किया जाता है।

भारत ने इस नीति को कोविड-19 महामारी के दौरान भी बनाए रखा, जब उसने वैक्सीन पूरी दुनिया को दी और वैश्विक स्वास्थ्य आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पीएम मोदी ने इसी दृष्टिकोण से भावी पीढ़ियों को सुरक्षित और समृद्ध भविष्य का वादा किया, जहां संवाद के माध्यम से चुनौतियों का समाधान किया जाएगा।

BRICS: प्रधानमंत्री मोदी ने BRICS को “विभाजनकारी नहीं, जनहितकारी ग्रुप” बताया

BRICS जो सभी देशों के हितों का सम्मान करता है। उनका कहना था कि BRICS एक प्लेटफार्म है जो सभी विकासशील देशों के लिए उपयुक्त है, न सिर्फ बड़े देशों के लिए। यह विचार भारत की समावेशी दृष्टि का प्रतिनिधित्व करता है, जो सभी को वैश्विक चुनौतियों के समाधान में शामिल करना चाहता है।

BRICS के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विश्व को एकजुट होकर काम करना चाहिए और सभी देशों को अपने-अपने निर्देशों का पालन करना चाहिए ताकि वैश्विक सहयोग और शांति को बढ़ावा मिल सके। भारत ने हमेशा बहुपक्षीय दृष्टिकोण का समर्थन किया है, इसलिए इस संदर्भ में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण है।

मल्टीपोलर वर्ल्ड का समर्थक भारत

भारत, मल्टीपोलर वर्ल्ड का समर्थक, हमेशा से मल्टीपोलर वर्ल्ड का पक्षधर रहा है, जहां कोई एक देश या समूह विश्व पर शासन नहीं करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दृष्टिकोण से कहा कि BRICS जैसे मंचों का लक्ष्य वैश्विक शक्ति संतुलन को बनाए रखना है। उनका कहना था कि BRICS विश्व को दिखा रहा है कि कैसे देश आपस में सहयोग कर सकते हैं और एक दूसरे का सम्मान करते हुए शांति और स्थिरता बनाए रख सकते हैं।

मल्टीपोलर विश्व के प्रति भारत की प्रतिबद्धता इस बात से स्पष्ट होती है कि वह हमेशा स्वतंत्र और निष्पक्ष वैश्विक शासन का समर्थन करता है, जहां किसी भी देश पर दबाव नहीं डाला जाता और सभी देशों की आवाज सुनी जाती है। विकासशील और छोटे देशों, जिनकी वैश्विक निर्णय प्रक्रिया में भागीदारी महत्वपूर्ण है, भारत का यह दृष्टिकोण बहुत अच्छा लगता है।

साइबर सुरक्षा और भविष्य की चुनौतियां

प्रधानमंत्री मोदी ने साइबर सुरक्षा पर जोर दिया और कहा कि सभी देशों को इस दिशा में काम करना चाहिए। उनका कहना था कि आने वाले समय में साइबर हमलों की संभावना बढ़ रही है, इसलिए सभी देशों को गंभीरता से विचार करना चाहिए और BRICS जैसे मंचों के माध्यम से सुरक्षा उपायों को मजबूत करना चाहिए।

भारत, जो टेक्नोलॉजी में तेजी से आगे बढ़ रहा है, साइबर सुरक्षा के लिए एक ठोस नीति बनाया है। PM मोदी ने कहा कि BRICS जैसे संगठन साइबर सुरक्षा को लेकर वैश्विक समुदाय को एक साथ लाने का काम कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आने वाले समय में टेक्नोलॉजी का सही उपयोग किया जाए।

BRICS का वैश्विक सहयोग में योगदान 

BRICS सिर्फ आर्थिक या राजनीतिक मंच नहीं है; यह विश्वव्यापी सहयोग और समावेशिता का प्रतीक है। PM मोदी ने कहा कि BRICS का लक्ष्य सभी विकासशील देशों के हितों की रक्षा करना है, न कि केवल अमीर देशों के लिए। उनका कहना था कि BRICS विश्व को सहयोग की जरूरत बता रहा है और सभी देशों को मिलकर काम करना चाहिए।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा कि BRICS का उद्देश्य केवल आर्थिक वृद्धि नहीं है, बल्कि वैश्विक मुद्दों को हल करने का मंच है। उनका कहना था कि BRICS का विस्तार इस बात का संकेत है कि सभी देशों को मिलकर काम करना होगा, चाहे वह साइबर सुरक्षा हो या कोविड-19 हो।

भारत हमेशा से BRICS में एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। BRICS में भारत ने कई वैश्विक मुद्दों पर नेतृत्व किया है, जैसे जलवायु परिवर्तन, विश्व व्यापार और विश्व स्वास्थ्य संकट। PM मोदी ने कहा कि भारत BRICS जैसे मंचों के माध्यम से विश्व शांति और स्थिरता में अपना योगदान जारी रखेगा।

साथ ही उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो सभी देशों के साथ समान व्यवहार करता है और वैश्विक मुद्दों को हल करने के लिए हमेशा तैयार रहता है। BRICS के सिद्धांतों, जो सभी देशों को बराबरी का दर्जा देते हैं और उनकी आवाज सुनते हैं, के साथ भारत की दृष्टि मेल खाती है।

रूस के कजान में आयोजित BRICS शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा, “हम युद्ध नहीं, डायलॉग और डिप्लोमेसी के समर्थक हैं।”आज के वैश्विक परिदृश्य में, जहां कई देश युद्ध और विभाजित हो रहे हैं, भारत की यह नीति बहुत महत्वपूर्ण है। BRICS का लक्ष्य वैश्विक शांति और स्थिरता को बढ़ावा देना है, और प्रधानमंत्री मोदी ने इस मंच से यह संदेश दिया कि सभी देशों को मिलकर काम करना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और समृद्ध भविष्य बनाया जा सके।

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