Federal Income tax बनाम Tariff: ट्रंप की नीति का भारत और वैश्विक व्यापार पर असर

फेडरल इनकम टैक्स हटाने की योजना

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से संघीय आयकर (Federal Income Tax) को समाप्त करने की पैरवी की है, जो उनके द्वारा प्रस्तावित सबसे कट्टरपं ट्रंप का मानना है कि संघीय आयकर (Federal Income Tax) को समाप्त कर इसे टैक्सों की जगह टैरिफ से बदलने से अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। उनके अनुसार, अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर टैरिफ से अमेरिका में राजस्व में कोई कमी नहीं होगी, और इस प्रकार संघीय आयकर की आवश्यकता समाप्त हो सकती है�

दरअसल अमेरिका में इस राष्ट्रपति का चुनाव हो रहा है जिसमें डोनाल्ड ट्रंप उम्मीद्वार है ऐसे में वो बड़ा वादा कर रहे है कि वो अगर राष्ट्रपति बनें तो इसको अमल में लाएंगे अगर ऐसा होता है तो पुरे भारत समेत पुरे विश्व के इकोनॉमी पर बड़ा असर देखने को मिलेगा .

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क्या Federal Income Tax को समाप्त करना संभव है?

Federal Income Tax को समाप्त करने के इस विचार की व्यवहार्यता को समझने के लिए कई अर्थशास्त्रियों ने इसे गंभीरता से जांचा है। विशेषज्ञों का मानना है कि, यदि संघीय आयकर को टैरिफ से प्रतिस्थापित किया जाए, तो यह न केवल अमेरिका बल्कि वैश्विक बाजारों को भी प्रभावित कर सकता � यहाँ इस नीति की संभावनाओं और इसके असर का विश्लेषण किया गया है:

1. आर्थिक मॉडल और विशेषज्ञ विचार: अमेरिकी संघीय सरकार के बजट का एक बड़ा हिस्सा आयकर से आता है। यदि आयकर को हटा दिया जाता है, तो इसके कारण अमेरिकी सरकार को वित्तीय घाटा हो सकता है। इसके साथ ही, यह तर्क दिया जा रहा है कि टैरिफ के माध्यम से राजस्व को पूरा करना आसान नहीं होगा, क्योंकि इससे आयात-निर्यात में असंतुलन पैदा हो सकता है।

2. अंतर्राष्ट्रीय उदाहरण: कई देशों ने टैक्स सुधार के माध्यम से राजस्व बढ़ाने के लिए अन्य तरीकों का प्रयास किया है, लेकिन इनमें से किसी ने भी आयकर को पूरी तरह समाप्त नहीं किया। जैसे कि यूरोपीय देशों में वैट और बिक्री कर जैसी नीतियों के माध्यम से राजस्व बढ़ाने का प्रयास किया गया, लेकिन संघीय आयकर को समाप्त करने की अवधारणा को व्यापक समर्थन नहीं मिला।

भारत में आयकर नीति: समाप्ति के पक्ष और विपक्ष में तर्क

भारत में भी कर प्रणाली पर लंबे समय से चर्चा होती रही है, लेकिन किसी भी बड़े राजनेता ने अभी तक income tax समाप्त करने का प्रस्ताव नहीं रखा है। हालाँकि, इस पर चर्चा होती रही है कि भारत जैसे विकासशील देश में क्या आयकर को समाप्त करना संभव होगा। इसके पक्ष और विपक्ष में तर्क इस प्रकार हैं:

1. पक्ष में तर्क: भारत में आयकर का दायरा केवल सीमित आय वर्ग को कवर करता है। इसलिए, यह तर्क दिया जा सकता है कि अन्य कर माध्यमों, जैसे वस्तु एवं सेवा कर (GST), से देश की आमदनी को पूरा किया जा सकता है। इससे आयकर का बोझ समाप्त हो सकता है और आयकर विभाग की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जा सकती है।

2. विपक्ष में तर्क: आयकर भारत के वित्तीय ढांचे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे हटाने से सरकार के पास सामाजिक कल्याण योजनाओं, रक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए जरूरी वित्तीय संसाधनों की कमी हो सकती है। इसके अतिरिक्त, अन्य कर माध्यमों से इतनी बड़ी राजस्व की पूर्ति संभव नहीं मानी जाती है।

3. भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर: अगर भारत में आयकर समाप्त किया जाता है, तो देश में कर राजस्व पर दबाव पड़ सकता है, जिससे बजट में कटौती की स्थिति आ सकती है। यह अर्थव्यवस्था के विकास को धीमा कर सकता है और विदेशी निवेशकों का विश्वास कम कर सकता है।

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अमेरिका में प्रस्तावित बदलाव का वैश्विक बाजारों पर संभावित असर

यदि अमेरिका Federal income Tax को समाप्त कर केवल टैरिफ से राजस्व जुटाने का निर्णय लेता है, तो इसका असर वैश्विक बाजारों पर हो सकता है, विशेष रूप से उन देशों पर जिनक

1. अंतरराष्ट्रीय व्यापार में असंतुलन: टैरिफ की दरों में वृद्धि से कई देशों के लिए अमेरिका में निर्यात करना महंगा हो जाएगा, जिससे व्यापार असंतुलन बढ़ सकता है। यह चीन और अन्य बड़े निर्यातकों के लिए विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

2. भारत पर असर: भारत की निर्यात आधारित कंपनियाँ, विशेष रूप से आईटी और फार्मा सेक्टर, अमेरिका में होने वाले किसी भी बड़े टैरिफ बदलाव का असर महसूस कर सकती हैं। अगर अमेरिका टैरिफ बढ़ाता है, तो भारतीय निर्यातकों के मुनाफे में कमी आ सकती है, जो भारत की आर्थिक विकास दर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।

3. अमेरिका के साथ भारत का व्यापार संबंध: अगर अमेरिका इस तरह का कदम उठाता है, तो भारत जैसे विकासशील देशों के लिए यह कठिनाई का सबब बन सकता है। इसके चलते भारत को अपनी व्यापार नीतियों में बदलाव करने की आवश्यकता पड़ सकती है, जिससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर असर पड़ सकता है।

निष्कर्ष: क्या आयकर समाप्त करना एक व्यवहारिक कदम है?

अमेरिका में संघीय आयकर (Federal Income Tax) को समाप्त करने का ट्रंप का विचार अभी तक सिद्धांतों और तर्कों तक ही सीमित है। व्यावहारिक तौर पर यह लागू करना काफी कठिन है, क्योंकि यह न केवल अमेरिकी अर्थव्यवस्था बल्कि वैश्विक व्यापार पर भी असर डालेगा। भारत में भी आयकर समाप्त करने की संभावना कम ही मानी जाती है, क्योंकि यह देश के वित्तीय ढांचे का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

हालाँकि, इस तरह के विचार हमें कर नीति सुधार की दिशा में सोचने के लिए प्रेरित करते हैं। ऐसे प्रस्तावों के परिणामस्वरूप कर प्रणाली में कुछ आवश्यक बदलाव हो सकते हैं, जिससे अर्थव्यवस्था को नए आयाम मिल सकते हैं। फिर भी, इस तरह के निर्णय लेने से पहले देश की आर्थिक स्थिति, वैश्विक परिदृश्य और अन्य कारकों का गहन विश्लेषण आवश्यक है।

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