‘ एक है तो सेफ है ‘ – प्रधानमंत्री मोदी का नया नारा क्यों है महत्वपूर्ण? – 6 मुख्य बातें

 ‘ एक है तो सेफ है ‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए नए नारे  ने महाराष्ट्र में एक नई राजनीतिक चर्चा को जन्म दिया है। यह नारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा हिन्दू समुदाय के भीतर एकजुटता बनाए रखने के संदर्भ में दिया गया है। इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने “बटेंगे तो कटेंगे” का नारा देकर विपक्षी पार्टियों के आरोपों का जवाब दिया था। इस लेख में हम प्रधानमंत्री मोदी के नारे का विश्लेषण करेंगे, इसके राजनीतिक प्रभावों और पृष्ठभूमि पर चर्चा करेंगे, और यह समझेंगे कि भाजपा द्वारा इस प्रकार की एकजुटता पर जोर क्यों दिया जा रहा है।

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कांग्रेस पर आरोप – जातिगत भेदभाव बढ़ाने की साजिश?

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी रैली में कांग्रेस पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी का मुख्य उद्देश्य जातिगत तनाव बढ़ाकर समाज को विभाजित करना है। उनका कहना है कि कांग्रेस अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा कर समाज में बिखराव पैदा करना चाहती है। भाजपा का दावा है कि कांग्रेस पार्टी इन वर्गों के विकास और मान्यता में बाधा डालती है ताकि उन्हें अपने वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल कर सके।

वास्तविक आंकड़ों के अनुसार, जातिगत विवादों और समुदायों के बीच संघर्ष में हाल के वर्षों में वृद्धि देखी गई है। 2019 में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, जातिगत हिंसा के मामलों में 10% की वृद्धि हुई थी। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस इस विभाजन का लाभ उठाकर राजनीति करती है, जबकि उनकी पार्टी एकता पर जोर देती है।

योगी आदित्यनाथ का ‘बाटेंगे तो काटेंगे’ नारा – पृष्ठभूमि और प्रतिक्रिया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का नारा दिया था, जिसका उद्देश्य हिंदू समुदाय के भीतर एकजुटता पर जोर देना था। यह नारा बंगाल और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे हमलों की पृष्ठभूमि में आया। इस नारे का अर्थ यह है कि यदि समाज विभाजित होता है, तो कमजोर हो जाता है, और एकजुटता में ही सुरक्षा है। आदित्यनाथ का यह बयान विपक्षी दलों के लिए आलोचना का एक कारण बन गया। उनका कहना है कि भाजपा धार्मिक आधार पर विभाजन और कट्टरता को बढ़ावा देती है, जबकि योगी आदित्यनाथ और भाजपा इसे सुरक्षा और सांस्कृतिक विरासत के लिए आवश्यक मानते हैं।

इस संदर्भ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भी अपनी वार्षिक विजयादशमी संबोधन में इसी प्रकार की बातें कहीं। उनका कहना था कि “बिना संगठन और एकता के अत्याचार का सामना करना असंभव हो जाता है।”

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प्रधानमंत्री का नया नारा – ‘ एक है तो सेफ है ‘ का अर्थ और उद्देश्य

प्रधानमंत्री मोदी का नया नारा  ‘ एक है तो सेफ है ‘ हिंदू समुदाय के बीच एकजुटता और सुरक्षा का संदेश देता है। इसे महाराष्ट्र के धुले में एक चुनावी रैली में दिया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य भाजपा समर्थकों को यह संदेश देना है कि समाज की सुरक्षा और विकास में एकता आवश्यक है। यह नारा कांग्रेस के जातिगत विभाजन की रणनीति के विरोध में एक स्पष्ट प्रतिक्रिया है, जिसमें प्रधानमंत्री ने लोगों से एकजुट रहने का आग्रह किया।

इस नारे के तहत भाजपा का प्रयास समाज को एकजुट रखने और सांप्रदायिकता को दूर करने का है। प्रधानमंत्री का मानना है कि जातिगत आधार पर विभाजित समाज कमजोर होता है और विकास में रुकावट का कारण बनता है।

राजनीतिक विशेषज्ञों का मत – क्या भाजपा की यह रणनीति कारगर होगी?

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि भाजपा द्वारा एकजुटता पर जोर देना एक रणनीतिक कदम है, जिसका उद्देश्य उनके समर्थन को मजबूत करना है। राजनीतिक विश्लेषक अजय सिंह का कहना है कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में जातिगत और धार्मिक आधार पर एकजुटता की नीति अपनाई है। उनके अनुसार, भाजपा ने इसे अपने मुख्य प्रचार बिंदु के रूप में इस्तेमाल किया है, जिससे उन्हें ग्रामीण और शहरी इलाकों में बड़े पैमाने पर समर्थन मिला है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि भाजपा का यह कदम कांग्रेस की “विभाजन की राजनीति” के खिलाफ एक प्रतिकार के रूप में काम कर सकता है, जिससे उन्हें महाराष्ट्र में वोट बैंक को मजबूत करने में मदद मिल सकती है। हालांकि, कुछ आलोचक यह भी कहते हैं कि इस प्रकार के नारे देने से विभाजन और विवाद भी बढ़ सकता है।

भारत में एकजुटता की आवश्यकता – एक सामाजिक दृष्टिकोण

भारत विविधताओं से भरा हुआ देश है, जहां विभिन्न धर्म, जाति और भाषा के लोग रहते हैं। ऐसे में एकजुटता समाज की स्थिरता और विकास के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। एक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में सामाजिक विभाजन के कारण 25% तक विकास में रुकावट देखी जाती है। यदि समाज एकजुट रहता है तो आर्थिक और सामाजिक विकास तेजी से होता है।

प्रधानमंत्री मोदी के ‘एक है तो सेफ है ‘ नारे के पीछे यही विचार है कि यदि समाज में एकता बनी रहती है, तो वह सुरक्षित और समृद्ध होगा। यह केवल भाजपा का नारा नहीं, बल्कि एक ऐसे विचार का प्रतीक है जो संपूर्ण भारत की सामाजिक स्थिरता के लिए आवश्यक है।

सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से भाजपा की एकजुटता की नीति

भाजपा हमेशा से हिन्दू एकजुटता पर जोर देती रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से निकली भाजपा ने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की विचारधारा को अपनाया है, जिसमें समाज के सभी हिस्सों को एकजुट करने का संदेश है। भाजपा का मानना है कि जब हिंदू समाज एकजुट रहता है, तो वह अन्य समाजों के सामने भी मजबूत बना रहता है।

योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए ‘बाटेंगे तो काटेंगे’ नारे का भी उद्देश्य यही था कि हिंदू समाज के भीतर एकता बनी रहे। भाजपा के अनुसार, हिंदू समाज की एकजुटता देश की सुरक्षा और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती है।

निष्कर्ष – भाजपा की  ‘ एक है तो सेफ है ‘ की नीति का राजनीतिक प्रभाव

‘ एक है तो सेफ है ‘  नारा भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण चुनावी रणनीति है, जिसका उद्देश्य हिंदू समाज के भीतर एकजुटता को बढ़ावा देना और कांग्रेस के जातिगत विभाजन की राजनीति का मुकाबला करना है। प्रधानमंत्री मोदी और योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए इन नारों के माध्यम से भाजपा ने अपने समर्थकों के भीतर एकजुटता का संदेश फैलाने का प्रयास किया है।

हालांकि, इसके आलोचक भी हैं जो मानते हैं कि इस प्रकार के नारों से विभाजन भी हो सकता है। लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि भाजपा का यह कदम महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में वोट बैंक को बढ़ाने के लिए एक प्रभावी रणनीति हो सकता है।

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