Russia-Ukraine War– तीन साल से चल रहे यूक्रेन-रूस युद्ध में एक नया मोड़ आया है। यूक्रेन ने मंगलवार को सऊदी अरब के जेद्दा शहर में हुई वार्ता में अमेरिका के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए 30-दिवसीय युद्धविराम और रूस के साथ तत्काल वार्ता पर सहमति जताई है। यह कदम युद्ध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। लेकिन अब सवाल यह है कि रूस इस प्रस्ताव पर क्या प्रतिक्रिया देगा? क्या यह युद्धविराम युद्ध का अंत ला पाएगा, या यह सिर्फ एक और राजनीतिक चाल है? आइए, इस मुद्दे को विस्तार से समझते हैं .
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यूक्रेन ने क्यों स्वीकार किया युद्धविराम का प्रस्ताव?
यूक्रेन ने तीन साल से चल रहे इस युद्ध में भारी नुकसान झेला है। हजारों लोग मारे गए हैं, और देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। ऐसे में, यूक्रेन के लिए युद्धविराम एक राहत की बात है।
अमेरिकी दबाव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन पर युद्धविराम के लिए दबाव बनाया। उन्होंने यूक्रेन को सैन्य सहायता रोक दी थी, जिसके बाद यूक्रेन ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।
ऊर्जा संकट
रूस ने यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे पर हमले तेज कर दिए हैं, जिससे यूक्रेन को भारी नुकसान हुआ है। युद्धविराम से यूक्रेन को इस संकट से निपटने का मौका मिलेगा।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन
यूक्रेन को पश्चिमी देशों का समर्थन मिल रहा है, लेकिन युद्ध के लंबे खिंचने से यह समर्थन कमजोर हो सकता है। युद्धविराम से यूक्रेन को अंतरराष्ट्रीय समर्थन बनाए रखने में मदद मिलेगी।
विशेषज्ञ राय
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के सलाहकार आंद्रेई यरमक ने कहा, “हमने स्पष्ट कर दिया है कि हम शांति चाहते हैं। अब यह रूस पर निर्भर है कि वह युद्ध को समाप्त करने के लिए तैयार है या नहीं।”
रूस की प्रतिक्रिया क्या होगी?
यूक्रेन ने युद्धविराम का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है, लेकिन रूस की प्रतिक्रिया अभी स्पष्ट नहीं है। रूस ने अभी तक इस प्रस्ताव पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
रणनीतिक लाभ
रूस ने युद्ध के दौरान यूक्रेन के कई इलाकों पर कब्जा कर लिया है। युद्धविराम से रूस को इन इलाकों को संभालने और अपनी स्थिति मजबूत करने का मौका मिलेगा।
अंतरराष्ट्रीय दबावरूस पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युद्ध को समाप्त करने का दबाव बढ़ रहा है। यदि रूस युद्धविराम को स्वीकार करता है, तो उसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से राहत मिल सकती है।
आंतरिक दबाव
रूस में भी युद्ध के कारण आर्थिक और सामाजिक दबाव बढ़ रहा है। युद्धविराम से रूस को इन समस्याओं से निपटने का मौका मिलेगा।
विशेषज्ञ राय
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि रूस शांति वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन यूक्रेन को रूस की सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखना होगा।
अमेरिका की भूमिका: ट्रंप का दबाव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन पर युद्धविराम के लिए जोरदार दबाव डाला है। उन्होंने यूक्रेन को सैन्य सहायता रोक दी थी, जिसके बाद यूक्रेन ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।
सैन्य सहायता की बहाली
ट्रंप प्रशासन ने यूक्रेन को सैन्य सहायता फिर से शुरू कर दी है और युद्ध के अंत की उम्मीद जताई है।
यूरोपीय संघ की चिंता
ट्रंप के इस कदम से यूरोपीय देश चिंतित हैं। फ्रांस और जर्मनी ने अमेरिका के बिना यूरोपीय सुरक्षा व्यवस्था विकसित करने की बात कही है।
विशेषज्ञ राय
ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने कहा, “ट्रंप ने वैश्विक बातचीत को शांति की ओर मोड़ दिया है। अब सवाल यह नहीं है कि युद्ध समाप्त होगा या नहीं, बल्कि यह है कि यह कैसे समाप्त होगा।”
यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी: एक बड़ा सवाल
यूक्रेन ने युद्धविराम के साथ-साथ अपनी सुरक्षा के लिए गारंटी की मांग की है। यूक्रेन चाहता है कि उसे NATO जैसे सुरक्षा संगठन में शामिल किया जाए, लेकिन ट्रंप ने इसकी संभावना से इनकार कर दिया है।
यूरोपीय सुरक्षा व्यवस्था
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि यूक्रेन को “विश्वसनीय” सुरक्षा गारंटी की आवश्यकता है।
रूस की चिंता
रूस यूक्रेन के NATO में शामिल होने का विरोध करता है और इसे अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानता है।
विशेषज्ञ राय
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा, “हमें ऐसी सुरक्षा गारंटी चाहिए जो हमें भविष्य में होने वाले हमलों से बचा सके।”
युद्धविराम के बाद क्या होगा?
यदि रूस युद्धविराम को स्वीकार करता है, तो यह युद्ध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। लेकिन, युद्धविराम के बाद भी कई चुनौतियां होंगी।
– वार्ता की सफलता: युद्धविराम के बाद होने वाली वार्ता की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि दोनों देश कितना लचीलापन दिखाते हैं।
– सुरक्षा गारंटी: यूक्रेन को मिलने वाली सुरक्षा गारंटी युद्ध के भविष्य को तय करेगी।
– अंतरराष्ट्रीय समर्थन: यूक्रेन को पश्चिमी देशों का समर्थन बनाए रखने के लिए युद्धविराम और वार्ता को सफल बनाना होगा।
विशेषज्ञ राय
पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने कहा, “यह शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है।”
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शांति की ओर एक कदम
यूक्रेन ने युद्धविराम का प्रस्ताव स्वीकार करके शांति की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। लेकिन, युद्ध का अंत तभी संभव है जब रूस भी इस प्रस्ताव को स्वीकार करे। अब यह रूस पर निर्भर है कि वह युद्ध को समाप्त करने के लिए तैयार है या नहीं।
युद्धविराम और वार्ता की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि दोनों देश कितना लचीलापन दिखाते हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय कितना समर्थन देता है। आशा है कि यह कदम युद्ध को समाप्त करने और शांति स्थापित करने की दिशा में एक मजबूत आधार बनेगा।
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