अयोध्या में दीपोत्सव: एक अनोखा विश्व रिकॉर्ड और रामलला की भव्यता
इस वर्ष अयोध्या में हुआ दीपोत्सव इतिहास में एक विश्व रिकॉर्ड बन गया और एक उत्सव का प्रतीक भी बन गया। पिछले वर्ष का 22 लाख 30 हजार दीयों का रिकॉर्ड इस बार तोड़ा गया, 25 लाख 12 हजार 585 दीयों का प्रज्ज्वलन हुआ। जब रामलला अयोध्या में अपने नवनिर्मित और सुंदर मंदिर में विराजमान होकर इस अद्भुत आयोजन को देख रहे थे, तो यह पहली बार देखा गया। इस ऐतिहासिक घटना ने अयोध्या की धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक धरोहर और विशिष्ट भव्यता को एक नए स्तर पर उठाया।
रामलला का भव्य स्वागत: 500 साल बाद एक ऐतिहासिक पल
22 जनवरी 2024 को रामलला का अयोध्या मंदिर में फिर से आगमन हुआ। इस ऐतिहासिक घटना ने लगभग पांच सौ वर्षों की प्रतीक्षा के बाद अयोध्या और पूरे भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास में एक विशिष्ट स्थान बनाया। दीपोत्सव इस बार खास था क्योंकि यह पहली बार था जब रामलला अपने दिव्य मंदिर में खुद दीपोत्सव मनाने आए थे।
लंबे संघर्ष के बाद अयोध्या में राम मंदिर और रामलला की स्थापना हुई, जिससे लोगों की आस्था और भक्ति को नई ऊर्जा मिली है। योगी आदित्यनाथ सरकार के आठवें दीपोत्सव ने इसे और भी खास बना दिया, जहां दीपों की बेहतरीन छटा ने हर किसी को प्रसन्न कर दिया।
‘दीपोत्सव-2024’ के पावन अवसर पर ‘राममय’ श्री अयोध्या धाम ने 25 लाख से अधिक दीप प्रज्वलित करने के साथ ही पुनः सर्वाधिक दीप प्रज्वलन का विश्व रिकॉर्ड स्थापित कर सनातन संस्कृति का जयघोष किया है।
साथ ही, माँ सरयू जी की एक साथ 1 हजार 121 श्रद्धालुओं ने आरती का सौभाग्य प्राप्त कर एक… pic.twitter.com/KSEMXDF90o
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 30, 2024
योगी सरकार का आठवां दीपावली समारोह: आस्था का विशिष्ट उदाहरण
दीपोत्सव के दौरान, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलला मंदिर में भगवान श्रीराम के दर्शन किए और उनका नमन किए । मंदिर के बाहर भी पांच दीप प्रज्ज्वलित किए गए और मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से रामलला के चरणों में दीप जलाएं। यह कार्यक्रम भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक बड़ा उदाहरण है, जिसमें सरकारी और आम लोगों के सहयोग से रामनगरी को पुनर्जीवित करने का अनूठा प्रयास किया गया।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह इस उत्सव में उपस्थित हुए। चंपत राय, श्रीराम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव, और अन्य ट्रस्टियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ा दिया।
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अयोध्या -विश्व रिकॉर्ड और सांस्कृतिक धरोहर
25 लाख 12 हजार 585 दीयों का प्रज्ज्वलन करने का विश्व रिकॉर्ड इस अद्भुत उत्सव में बनाया गया था। यह कार्यक्रम धार्मिक उत्साह का प्रतीक बन गया और एक सांस्कृतिक धरोहर बन गया। इस वर्ष बड़े धूमधाम से 22 लाख 30 हजार दीयों का रिकॉर्ड तोड़ा गया, जो पिछले साल बनाया गया था। इस तरह के रिकॉर्ड्स भारत की संस्कृति को दुनिया भर में प्रकट करते हैं और धार्मिक पर्यटन को बढ़ाते हैं।
पिछले साल से इस साल तक अयोध्या में दीयों की संख्या में वृद्धि हुई है, जो बताता है कि अयोध्या में राम मंदिर के प्रति श्रद्धा बढ़ी है और सरकार का प्रयास सफल होता दिखाई देता है कि इसे विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाया जाए। दीयों को जलाना सिर्फ एक धार्मिक क्रिया नहीं है, बल्कि संस्कृति और आस्था का ऐसा पर्व बन गया है जो लोगों के दिलों में सदियों तक रहेगा।
आस्था, पर्यटन और आर्थिक समृद्धि
अयोध्या दीपोत्सव ने भी स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया है। लाखों पर्यटकों ने इस आयोजन में भाग लिया, जिससे पर्यटन क्षेत्र को धन मिला। होटलों, रेस्टोरेंटों, दुकानों और अन्य उद्योगों में बूम देखा गया। इस तरह के कार्यक्रम सांस्कृतिक पर्यटन को भी बढ़ावा देते हैं, जिससे न केवल अयोध्या बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी बढ़ती है।
दीपोत्सव ने दुनिया भर से पर्यटकों का ध्यान आकर्षित किया है और यह विश्वव्यापी है। इस आयोजन को सरकार ने बड़ी धूमधाम से प्रस्तुत कर इसे न केवल धार्मिक बल्कि आर्थिक लाभकारी बनाया है। यह आयोजन अयोध्या का वैश्विक आकर्षण बढ़ा है और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी सुर्खियां बनाया है।
समाज में सांस्कृतिक और धार्मिक समानता का प्रतीक
लाखों दीयों का प्रज्ज्वलन इस उत्सव में समाज की धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। ऐसे कार्यक्रम केवल धार्मिक भावनाओं को नहीं बल्कि भाईचारे और एकता की भावना को भी बढ़ाते हैं। अयोध्या का दीपोत्सव लोगों को धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक सहयोग का संदेश देता है।
योगी सरकार के नेतृत्व में इस पर्व ने शांति और एकता का संदेश फैलाया है। विभिन्न समुदायों से आने वाले लोग इस अवसर पर मिलकर दीयों का प्रज्ज्वलन करते हैं, जिससे अयोध्या में धार्मिक सौहार्द्र का वातावरण बनता है।
भारत की विश्वव्यापी पहचान
भारत को विश्व स्तर पर एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में प्रस्तुत करने के लिए दीपोत्सव जैसे बड़े-बड़े कार्यक्रम हैं। इस कार्यक्रम से विश्व को भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का सुंदर चित्र दिखाया जाता है। इस तरह के आयोजन न केवल भारतीय संस्कृति को प्रकट करते हैं, बल्कि भारत को दुनिया भर में अच्छी तरह से दिखाते हैं।
अयोध्या का दीपोत्सव सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। रामलला ने इस बार के दीपोत्सव को खास बनाया क्योंकि वे अपने दिव्य मंदिर में बैठे हुए इस उत्सव का साक्षी बने। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आठवां दीपोत्सव भारत की विशिष्ट संस्कृति को दिखाता है, जिसमें आस्था, पर्यटन और अर्थव्यवस्था का विकास शामिल हैं। अयोध्या का दीपोत्सव भारत की सांस्कृतिक धरोहर को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जो स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है।
इसलिए, अयोध्या का दीपावली हर भारतीय के लिए गौरव का क्षण है और इसे विश्व धरोहर के रूप में बचाना हर भारतीय की जिम्मेदारी है।
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