गाजा की लड़ाई: इजराइल इसे खत्म क्यों नहीं करना चाहता ?

गाजा की लड़ाई आखिर खत्म क्यों नही हो रहा है गाजा में अभी तक 40000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके है  हमास के सभी बड़े नेता मारे जा चुके है लेकिन लड़ाई खत्म ही नही हो रहा है  इजराइल और गाजा के बीच लंबे समय से चल रहे संघर्ष की जड़ें गहरी हैं। इस समय, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा गाजा. पर निरंतर बमबारी की जा रही है, और इस स्थिति का कई विश्लेषक ये मान रहे हैं कि क्या गाजा पर इजराइल की बमबारी का संबंध बेन गुरियन नहर परियोजना से है, जो स्वेज कैनाल का विकल्प बन सकती है। इजराइल और अमेरिका के आर्थिक और सामरिक हित इस संघर्ष को और गहराते हैं। जानिए कैसे इस परियोजना में गाजा का महत्व बढ़ गया है।

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क्या है बेन गुरियन नहर?

इजराइल के तटीय शहर तेल अवीव के पास “बेन गुरियन नहर” नाम की एक परियोजना पहले से ही चर्चा में है। इस नहर को 1960 के दशक में प्रस्तावित किया गया था, और इसका उद्देश्य लाल सागर की अकाबा की खाड़ी को भूमध्य सागर से जोड़ना है। बेन गुरियन नहर एक वैकल्पिक मार्ग है जो स्वेज कैनाल की निर्भरता को कम करने का प्रयास करेगा। इस नहर का नाम इजराइल के पहले प्रधानमंत्री डेविड बेन गुरियन के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने हमेशा इजराइल को वैश्विक व्यापार और सामरिक स्थिति में सशक्त बनाने का सपना देखा था।

स्वेज कैनाल से तुलना: बेन गुरियन नहर का महत्व

स्वेज कैनाल की भूमिका और व्यापारिक महत्व

स्वेज कैनाल वर्तमान में भूमध्यसागर और लाल सागर को जोड़ने वाली दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक नहर है, जिसके माध्यम से हर साल अरबों डॉलर का व्यापार होता है। 2023 में, स्वेज कैनाल से गुजरने वाले कुल जहाजों की संख्या लगभग 20,000 थी और इससे मिस्र को लगभग 7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का राजस्व प्राप्त हुआ था।

बेन गुरियन नहर: क्यों है स्वेज कैनाल का विकल्प?

बेन गुरियन नहर स्वेज कैनाल का एक व्यावसायिक और सामरिक विकल्प हो सकता है। इस नहर के निर्माण से जहाजों को लाल सागर से भूमध्य सागर तक पहुंचने के लिए सीधे एक वैकल्पिक मार्ग मिलेगा। यदि स्वेज कैनाल में किसी कारणवश रुकावट आती है, जैसे 2021 में ‘एवर गिवेन‘ नामक जहाज का फंसना, तो यह मार्ग वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर निर्भरता को कम कर सकता है। इजराइल के लिए, इस परियोजना से न केवल राजस्व में वृद्धि होगी, बल्कि उसकी वैश्विक शक्ति और रणनीतिक स्थिति भी मजबूत होगी।

इजराइल और अमेरिका को बेन गुरियन नहर से संभावित लाभ

इजराइल के लिए फायदे

1. आर्थिक लाभ:नहर से इजराइल को बड़ा आर्थिक लाभ हो सकता है, जिससे उसे विदेशी मुद्रा अर्जित करने में सहायता मिलेगी।
2. सामरिक लाभ: यह नहर इजराइल को स्वेज कैनाल का विकल्प बनाने की स्थिति में ला सकती है, जिससे उसे क्षेत्रीय शक्ति में बढ़त मिलेगी।
3. जल आपूर्ति: यह परियोजना इजराइल के रेगिस्तानी क्षेत्रों में जल की आपूर्ति को भी सुनिश्चित कर सकती है, जिससे कृषि और जल संसाधन बेहतर होंगे।

अमेरिका का स्वार्थ

अमेरिका के लिए भी इस परियोजना में हित छिपे हुए हैं। अमेरिका की रणनीतिक सोच में इजराइल का स्थान बेहद महत्वपूर्ण है। अगर इजराइल इस नहर के माध्यम से व्यापारिक और सामरिक बढ़त हासिल करता है, तो अमेरिका के लिए मध्य पूर्व में अपनी पकड़ मजबूत रखना आसान हो जाएगा। इसके अतिरिक्त, स्वेज कैनाल की निर्भरता को कम करने से चीन जैसे देशों पर कूटनीतिक दबाव डालना भी अमेरिका के लिए संभव होगा।

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स्वेज कैनाल पर निर्भरता कम होने से किन देशों को नुकसान होगा?

स्वेज कैनाल से सबसे ज्यादा लाभ मिस्र को होता है, क्योंकि इसका राजस्व उसकी अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा है। यदि बेन गुरियन नहर को व्यावसायिक विकल्प के रूप में अपनाया जाता है, तो निम्नलिखित देशों को इसके परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं:

1. मिस्र: मिस्र का राजस्व प्रभावित होगा और उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है।

2. यूरोपीय देश: स्वेज कैनाल के माध्यम से यूरोप और एशिया के बीच व्यापार के समय और लागत में वृद्धि हो सकती है।

3. सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देश: ये देश भी अपने व्यापारिक मार्गों पर बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना कर सकते हैं।

नहर परियोजना और गाजा संघर्ष का संबंध

विश्लेषकों का मानना है कि इजराइल गाजा को एक रणनीतिक दृष्टिकोण से देखता है। गाजा क्षेत्र में इजराइल का संपूर्ण नियंत्रण नहर परियोजना के निर्माण को आसान बना सकता है। इस क्षेत्र में शांति बनाए रखना और इसे अपने प्रभाव में रखना इजराइल के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, जिससे बेन गुरियन नहर परियोजना सुचारु रूप से संचालित हो सके।

निष्कर्ष

इजराइल और गाजा के बीच जारी इस संघर्ष के पीछे कई गहरी रणनीतिक और सामरिक योजनाएं हो सकती हैं। बेन गुरियन नहर परियोजना इजराइल और अमेरिका के लिए कई फायदे ला सकती है, लेकिन इसके साथ ही इससे कई देशों को आर्थिक नुकसान हो सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में इजराइल इस संघर्ष को कैसे संभालता है और क्या वह इस परियोजना को सफल बनाने में कामयाब होता है

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