हाल ही में खबरें आई हैं कि बाल कथावाचक अभिनव अरोड़ा के परिवार ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग से धमकी मिलने का मामला दर्ज कराया है। इसी प्रकार, बिहार के सांसद पप्पू यादव ने भी हाल ही में सरकार से सुरक्षा की मांग करते हुए दावा किया कि उन्हें भी लॉरेंस गैंग से जान का खतरा है। इसी तरह का मामला बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान के साथ भी जुड़ा है, जिन्हें पहले भी इस गैंग से धमकियां मिल चुकी हैं। यह स्थिति उन चिंताओं को बढ़ा रही है, जिनमें कानून प्रवर्तन एजेंसियों को यह समझने की चुनौती है कि आखिर इन धमकियों के पीछे असली कारण क्या है।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग का आपराधिक इतिहास
लॉरेंस बिश्नोई, जो इस समय गुजरात की साबरमती जेल में बंद है, देशभर में अपने कुख्यात गैंग और हिंसक गतिविधियों के लिए बदनाम है। यह गैंग हत्या, तस्करी, और जबरन वसूली जैसी गंभीर आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है। लॉरेंस बिश्नोई का नाम हाल के वर्षों में विभिन्न हाई-प्रोफाइल मामलों में सामने आया है, जिससे उसकी दहशत का स्तर बढ़ता ही गया है। एक अनुमान के अनुसार, लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने पिछले तीन वर्षों में कई प्रमुख हस्तियों को धमकी दी है, जिससे पुलिस पर दबाव बना है कि वे इसे रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं।
धमकियों का सच: क्या वास्तव में लॉरेंस गैंग है ज़िम्मेदार?
इन मामलों में दो संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है। पहली संभावना यह है कि वास्तव में ये धमकियां लॉरेंस बिश्नोई गैंग की तरफ से ही आ रही हैं, ताकि गैंग का नाम और दबदबा बना रहे। दूसरी संभावना यह है कि छुटभैये बदमाश बिश्नोई के नाम का उपयोग करके, इस डर और दहशत का फायदा उठा रहे हैं और अवैध वसूली कर रहे हैं।
छोटे अपराधियों की चाल: लॉरेंस बिश्नोई के नाम का फायदा उठाना
सुत्रों के मुताबिक कई पुलिस अधिकारियों और जांचकर्ताओं का मानना है कि छोटे-मोटे अपराधी, जो खुद को स्थापित अपराधी साबित करना चाहते हैं, वे लॉरेंस बिश्नोई का नाम उपयोग कर हाई-प्रोफाइल लोगों को डराने का प्रयास कर रहे हैं। पुलिस की जांच में पाया गया है कि अक्सर छोटे अपराधी खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हिस्सा बताकर लोगों से पैसे वसूलने की कोशिश करते हैं।
हाल के मामलों का विश्लेषण
पिछले कुछ महीनों में इस प्रकार की धमकियों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। खासकर बाल कथावाचक अभिनव अरोड़ा और सांसद पप्पू यादव के मामले में पुलिस ने दावा किया है कि वे हर पहलू की जांच कर रहे हैं। पुलिस अधिकारी उन कॉल्स, टेक्स्ट मैसेजेज़, और अन्य माध्यमों का विश्लेषण कर रहे हैं जिनसे धमकियां दी जा रही हैं। पुलिस की राय में इस प्रकार के धमकी देने वालों के पहचान करना कठिन है क्योंकि लॉरेंस बिश्नोई के नाम का उपयोग किया जा रहा है।
आतंक का व्यापार: कैसे फैलता है लॉरेंस गैंग का डर?
लॉरेंस बिश्नोई गैंग की दहशत इतनी गहरी हो चुकी है कि अपराधी बिश्नोई के नाम को हथियार बना कर लोगों में डर पैदा करने लगे हैं। यह डर उस मानसिकता का नतीजा है जो लोगों को सोचने पर मजबूर कर देता है कि यदि गैंग का नाम लिया गया है तो मामला जरूर गंभीर होगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले साल करीब 30% मामलों में छोटी धमकी देने वाले गैंग लॉरेंस बिश्नोई का नाम लेकर अपराध करते पाए गए हैं।
सरकारी कदम: कैसे किया जा रहा है सुरक्षा का इंतजाम?
इन धमकियों की गंभीरता को देखते हुए कई राज्य सरकारें और केंद्र सरकार सुरक्षा के उपायों को सख्त कर रही हैं। विशेष रूप से उन नेताओं और सेलिब्रिटीज़ की सुरक्षा पर ध्यान दिया जा रहा है जिन्हें धमकियां मिली हैं। महाराष्ट्र, दिल्ली, और पंजाब में ऐसी घटनाओं में वृद्धि के बाद पुलिस की स्पेशल सेल को अलर्ट पर रखा गया है। इसके अतिरिक्त, सुरक्षा के लिहाज से बड़े शहरों में सीसीटीवी कैमरा नेटवर्क को भी सुदृढ़ किया जा रहा है।
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सच्चाई क्या है?
लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम अपराध की दुनिया में एक प्रतीक बन चुका है, जो न केवल दहशत फैलाने का माध्यम बन गया है, बल्कि छोटे अपराधियों के लिए भी एक साधन बन गया है। हालांकि, पुलिस की जांच के बाद ही यह निश्चित हो पाएगा कि धमकियों के पीछे असली अपराधी कौन हैं।